Monday 21 August 2017

फार्मासिस्ट को मिलना चाहिये प्राथमिक स्तर पर दवा लिखने का अधिकार...



फार्मासिस्ट को मिलना चाहिये प्राथमिक स्तर पर दवा लिखने का अधिकार...  



एक फार्मासिस्ट भी चिकित्सक की तरह ड्रग व मेडिसिन को लिख सकता है.. देश मे एलोपैथ चिकित्सा हेतु एम.बी.बी.एस. चिकित्सको की बहुत भारी कमी है.. यदि फार्मासिस्ट को प्राथमिक स्तर पर उपचार करने का अधिकार दे दिया जाये तो इस कमी को निश्चित रूप से पूर्ण किया जा सकता है.. फार्मासिस्ट दवा के बारे मे दो साल से चार, छ: साल गहन अध्ययन के साथ ही अस्पताल मे इंटर्नशिप भी करता है.. विदेशो मे फार्मासिस्ट भी मरीजो का इलाज करते है.. अभी तक जिन देशो मे फार्मासिस्टो को दवा लिखने का अधिकार दिया है वो सभी देश अपने फैसले से पूर्ण रूप से संतुस्ट और उत्साहित रहे है..
अगर भारत की बात की जाये तो कई सरकारी अस्पतालो मे भी चिकित्सक की अनुपस्थिति मे इलाज फार्मासिस्ट ही करते है.. अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नही आया जिसमे किसी फार्मासिस्ट से इलाज के दौरान गलती हुयी हो.. जबकी आयुष चिकित्सको द्वारा एलोपैथ से उपचार करने मे कई बार गलती हो चुकी है जो न्यूज पेपर मे प्रकासित भी होता रहता है..
आप स्वय: विचार करे- जिस चिकित्सक ने आयुर्वेद की दवाओ के बारे मे ज्ञान प्राप्त किया हो वो भला एलोपैथ से इलाज कैसे कर सकते है ? होम्योपैथ की दवाओ का ज्ञाता एलोपैथ का प्रयोग कैसे कर सकते है ? जिन आयुष चिकित्सको को एलोपैथ दवाओ की मैकेनिज्म तक नही पता वो भला एलोपैथ से इलाज कैसे कर सकते है ?
अत: विदेशो की भांति भारत मे भी फार्मासिस्टो को प्राथमिक स्तर पर दवा लिखने और मरीजो का उपचार करने की छूट और अधिकार देना चाहिये जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक अच्छी स्वाथ्य सेवाये पहुचायी जा सके..

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नोट- मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओ को आहत करना नही बल्की आयुष चिकित्सको को आयुष पद्दति से उपचार करने हेतु प्रोत्साहित तथा समाज के गरीब सहित सभी वर्गो तक बेहतर स्वाथ्य सेवाओ को पहुचाने हेतु है